Home » Interview » श्रोताओं को प्रशिक्षित करने की जिम्मेदारी भी है कलाकार की

श्रोताओं को प्रशिक्षित करने की जिम्मेदारी भी है कलाकार की

भारतरत्न पं. भीमसेन जोशी के शिष्य आनंद भाटे फिल्म से लेकर अलग अलग नवाचार वाले कार्यक्रमों के लिए जाने जाते है। पंडित जी के साथ बिताए समय से लेकर किस प्रकार से युवाओं को भारतीय शास्त्रीय संगीत में करियर बनाना चाहिए इसे लेकर आनंद भाटे ने क्लासिकल क्लेप्स के साथ बातचीत की।

सानंद के कार्यक्रम ‘बोलावा विठ्ठल’ में प्रस्तुति देने आए श्री भाटे ने बताया कि देश के बड़े कलाकारों जैसे भारतरत्न पं भीमसेन जोशी के जीवन को किताबों में शामिल करना चाहिए। छोटे बच्चे भारतीय शास्त्रीय संगीत को बहुत जल्दी सीखते है। पुणे में इस बात को लेकर प्रयत्न चल रहे है कि स्कूलों में बच्चें भारतीय शास्त्रीय संगीत ले और एकाध वाद्य भी बजाए और जब वार्षिक उत्सव हो तब मंच पर प्रस्तुति भी दे।

विदेशो में वेस्टर्न क्लासिकल म्युजिक को लेकर काफी उत्साह है और वहां पालक भी बच्चों को कोई भी एक वाद्य सिखाने के लिए लालायित रहते है। हमें बच्चों को न केवल भारतीय शास्त्रीय संगीत सिखाना चाहिए बल्कि तानसेन आदि के बारे में पढ़ाना चाहिए और भारतीय शास्त्रीय संगीत को किताबों में शामिल करना चाहिए।

आनंद जी ने बताया कि वे खुद आई टी क्षेत्र में काम कर चुके है और वर्ष 2005 में ‘बाळ गंधर्व’ फिल्म के लिए कार्य करते समय उन्हें महसूस हुआ कि वे अब पूर्ण रुप से भारतीय शास्त्रीय संगीत को अपना करियर बना सकते है। उनके अनुसार करियर और भारतीय शास्त्रीय संगीत की साधना में संतुलन बनाना जरुरी है और यह स्थिति हर उस युवा के जिंदगी में आती है जो भारतीय शास्त्रीय संगीत में आगे बढ़ना चाहता है परंतु यह बात ध्यान रखना होगी की कम से कम ग्रेज्युएशन करना ही चाहिए ताकि कभी आप नौकरी करना चाहे तब आपको तकलीफ ना हो।

गंधर्व गायन पर वेब सिरीज

आनंद भाटे इन दिनों गंधर्व गायन पर एक वेबसिरीज भी कर रहे है जिसमें उन्होंने गंधर्व गायिकी के इतिहास से लेकर अन्य बातों का भी उल्लेख किया है।

श्रोताओं को प्रशिक्षित भी करे कलाकार

पुणे और मुंबई में वैसे तो आम दर्शक कलाकार क्या गा रहा है यह पता होता है परंतु जहां पर इस प्रकार के दर्शक हो जो भारतीय शास्त्रीय संगीत के बारे में बहुत ज्यादा नहीं जानते हो तब एक कलाकार की जिम्मेदारी होती है कि वह अपने गायन और शास्त्रीय संगीत के बारे में लोगो को जानकारी दे।

Leave a Comment

Saare Jahan Se Accha Festival 2024

Utsav Educational and Cultural Society (New Delhi) celebrates its thirty seventh year of fruitful existence with the festival “Saare Jahan

error: Content is protected !!
× How can I help you?