स्मृति शेष पद्मविभुषण गिरिजा देवी…
सांगितिक आभा मंडल के दैदिप्यमान ओज से वे दमकती रहती थी जितनी लरजती गरजती उनकी आवाज उतना ही मीठा उनका बोलना… शब्दों का चयन भी
सांगितिक आभा मंडल के दैदिप्यमान ओज से वे दमकती रहती थी जितनी लरजती गरजती उनकी आवाज उतना ही मीठा उनका बोलना… शब्दों का चयन भी