दु:ख की गहराई से भी रुठे सुरों को मना लेंगे…
दर्द की पराकाष्ठा सुरों की मिठास छोड़ क्या सुर ही गले से छीन लेती है। दु:खों के पहाड तले किसी गायक के गले के सुर
दर्द की पराकाष्ठा सुरों की मिठास छोड़ क्या सुर ही गले से छीन लेती है। दु:खों के पहाड तले किसी गायक के गले के सुर