मुस्कुराती हुई एक आवाज़ : बेगम परवीन सुल्ताना
‘उस गैरत-ए-नाहीद की हर तान है दीपक, शोला सा लपक जाए है आवाज़ तो देखो’ बेहद मशहूर शायर मोमिन ख़ाँ ‘मोमिन’ के ये लफ्ज़ वैसे
‘उस गैरत-ए-नाहीद की हर तान है दीपक, शोला सा लपक जाए है आवाज़ तो देखो’ बेहद मशहूर शायर मोमिन ख़ाँ ‘मोमिन’ के ये लफ्ज़ वैसे