साधना अकेले बैठकर ही करनी पड़ती है, जन समुदाय के बीच तो मेला लगता है
अ-अनार का, आ-आम का, इ-इमली की, ई-ईख की… बिल्कुल बच्चा जिस तरह से बारहखड़ी सीखता है आम लोगों के बीच, वैसे ही और उतना ही
अ-अनार का, आ-आम का, इ-इमली की, ई-ईख की… बिल्कुल बच्चा जिस तरह से बारहखड़ी सीखता है आम लोगों के बीच, वैसे ही और उतना ही