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पद्मविभूषण कथक सम्राट पंडित बिरजू महाराज का निधन

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, कथक सम्राट पंडित बिरजू महाराज का सोमवार 17 जनवरी को तड़के दिल का दौरा पड़ने से दिल्ली में उनके घर पर निधन हो गया। वे 83 वर्ष के थे।

देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से सम्मानित, बिरजू महाराज का जन्म 4 फरवरी, 1937 को कथक के एक प्रसिद्ध परिवार में बृज मोहन नाथ मिश्रा के रूप में हुआ था। कुछ दिनों पहले ही उनके उनके भतीजे और शिष्य पं मुन्ना शुक्ला का 78 वर्ष की आयु में एक संक्षिप्त बीमारी के बाद निधन हो गया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। मोदी ने ट्विटर पर लिखा, “भारतीय नृत्य कला को विश्वभर में विशिष्ट पहचान दिलाने वाले पंडित बिरजू महाराज जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनका जाना संपूर्ण कला जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति!”

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने उनके निधन को “एक युग का अंत” कहा, और कहा कि उनका निधन, “भारतीय संगीत और सांस्कृतिक स्थान में एक गहरा शून्य छोड़ देता है”।

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा, “कथक नृत्य के विश्व प्रख्यात गुरु पंडित बिरजू महाराज जी के निधन से भारतीय संस्कृति की एक जीवंत धरोहर का अवसान हुआ है। उनके परिजनों, कला प्रशंसकों और उनके शिष्यों के प्रति हार्दिक संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। मेरी विनम्र श्रद्धांजलि!”

पंडित बिरजू महाराज को कथक नर्तक के रूप में जाना जाता था, पर वे एक उतने ही अच्छे गायक, कवि और चित्रकार भी थे।

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