स्वरांगी साने, पुणे

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यति माल सुनो सजन …

लगभग बीघा भर फैला लंबा परिसर हो, पास से नदी बहती हो और गुरु के सान्निध्य में सुबह से शाम केवल नृत्य की ही बात...

बाबा सीख लो.. ! फिर कोई नहीं बताएगा….

बीते दिनों विजया मेहता का नाटक ‘हमीदाबाई की कोठी’ देख रही थी, उसमें हमीदाबाई का एक संवाद है, “आवाज़ अल्लाह देता है, हर एक की...

ईमानदारी से पढ़ाई भी और संजीदगी से नृत्य भी

सीबीएसई द्वारा जारी १२ वीं के नतीजों में दो लड़कियों ने संयुक्त रूप से टॉप किया… एक है करिश्मा अरोड़ाऔर दूसरी है डीपीएस गाजियाबाद की...

मालिनी मुजुमदार: कड़छी और कढ़ाई उसकी तिरकिट-धिरकिट

श्रीमती मालिनी मुजुमदार: जन्म- २३ नवम्बर, १९३३ | निधन – १० फरवरी, २०१९ उस्ताद जहाँगीर खाँ साहब के ख़ास शिष्यों में से एक इंदौर के श्री...

जीवन कुछ और नहीं, बल्कि नर्तन है!

पाषाण युग में मनुष्य ने बोलना नहीं सीखा था.. यह तो सभी जानते हैं। तब गुफाओं पर चित्र उकेर कर वह अपनी बात कहता था.....

एकल नृत्य प्रस्तुतियों का नृत्यानुष्ठान

कथक देखा जाए तो एकल नृत्य प्रकार है लेकिन अब कोरियोग्राफी, प्रकाश योजना, ध्वनि, नेपथ्य आदि के जंजाल में जैसे मूल आत्मा से दूर चला...

तेजी-तैयारी-चक्कर… क्या इसी का नाम कथक है?

एक अजीब-सी बात हुई.. बीते दिनों बहुत-से नृत्य आयोजनों में जाने का अवसर मिला और कई प्रस्तुतियों को देखा..सबको देखते हुए अजीब-सी बेचैनी पैदा होती...

जानिए वे 5 गुण जो एक क्लासिकल डांसर के लिए आवश्यक है

आप किसी भी क्षेत्र की बात कर लीजिए, किसी भी स्थिति या किसी भी संबंध की; हमारे जीवन में हम जिस भूमिका का निर्वाह करते...

‘तेरे इश्क नचाइया कर थईआ थईआ’

भारतीय शास्त्रीय नृत्यों में अपनी प्रस्तुतीकरण की स्वतंत्रता के लिए कथक नृत्य जाना जाता है। वैसे तो कथक नृत्य की लगभग तीन हज़ार वर्ष पुरानी...

भावों का प्रदर्शन है नृत्य तो उन्हें शब्द देना है कविता

रस और भाव की अभिव्यंजना से युक्त होता है- नृत्य। रस और भाव…जैसे यह तो हर कला की विशेषता है.. फिर वह नृत्य हो, संगीत...
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