सृजन भारती कल्चर एंड एज्युकेशन ट्रस्ट पिछले पाच वर्षो से गुरु श्री रविन्द्र नाथ टैगोर की जयंती को विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमो के आयोजन कर उत्सव के रूप मे मनाने का राजकोट (गुजरात) में आयोजन कर रहे हैं। इस वर्ष इस आयोजन के लिए तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। दिनांक 6,7,8 मई 23 को आयोजित गुरूदेव की जयंती को कलाकारों ने खूब उत्साहित हो कर मनाया।
प्रथम दिवस मुद्रा स्कूल ऑफ भरतनाट्यम (जलगांव) से राजकोट आए सभी कलाकारो को कल्चरल विजिट के लिए निर्धारित बालभवन की मुलाकात करवाई गई। जहां पर विभिन्न कक्षों में हस्तकला, नृत्य कला, चित्रकला आदि का प्रशिक्षण दिया जाता है। राजकोट सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए इस क्षेत्र में महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व करते हुए श्रीमती नेहा जोशी ने अपने अनुभवों को सजा करते हुए कहा कि यह एक बहुत ही सुंदर अनुभव था कि लगभग 3000 बाल सभ्य की महा संस्था बाल भवन की मुलाकात का सुअवसर मिला।
अगले दिन सौराष्ट्र स्कूल ऑडिटोरियम में नृत्यान्जलि कार्यक्रम के दौरान राजकोट के महारानी श्रीमती कादम्बरी देवी जी जडेजा की सादर उपस्थिति में नृत्य उत्सव का आयोजन किया गया। जिसमें आसाम का प्रसिद्ध सात्रिया नृत्य प्रीति लेखा चौधरी द्वारा ,कथक नृत्य की प्रस्तुति स्मृति आदित्य ( इंदौर की रायगढ़ शैली नृत्यांगना)ने मोहक प्रस्तुति के द्वारा गुरूदेव को भाव सुमन अर्पित किए। साथ ही नृत्यालय कथक केंद्र , मोक्ष ओडिसी डांस अकादमी, ने राजकोट के कलाकारों की प्रस्तुति दी। मुद्रा स्कूल ऑफ भरतनाट्यम ने महाराष्ट्र और त्रिनेत्त्रा कथक अकादमी ने जयपुर घराने के नृत्य प्रदर्शन किया। सृजन भारती की scholarship Exam में चयनित प्राप्ति जैन ने अपनी कथक प्रस्तुति से दर्शकों को अभिभूत किया।
अगले दिन सावनी सेंटर ऑफ परफार्मिंग आर्ट की मुलाकात सभी कलाकारों को करवाई गई। जहां कथक, भरतनाट्यम,ओडिसी आदि के गुरुओ के मार्गदर्शन में विद्यार्थियों को शिक्षा लेने के लिए निर्धारित नियमों गुरु शिष्य परंपरा की जानकारी दी गई। कोटा से त्रिनेत्रा कथक अकादमी की गुरु गरिमा भार्गव ने बताया कि इस तरह के कार्यक्रम शास्त्रीय नृत्य के नए विद्यार्थियों को सीखने की नई तकनीक को समझने आधुनिक युग में परंपरा को जिवित रखने की भावना को पल्लवित करने मे सहायक है।
1 thought on “रविन्द्रनाथ टैगोर जन्म जयंति पर सृजन भारती द्वारा गुरूदेव को नृत्यांजलि”
हमेशा की तरह इस वर्ष भी समारोह में विविधता एवं अन्य प्रदेश के नृत्य शैली की प्रस्तुति ने समारोह को गरिमामय बना दिया।
राजकोट, गुजरात में ऐसे सांस्कृतिक परिचय सराहनीय है।