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पुणे की ओडिसी नृत्यांगना अब लंदन में फहरा रही है परचम

Prachiti Dange, odissi

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय … जो वास्तव में ‘बस ! नाम ही काफी है’ का पर्याय। वहाँ यदि किसी नृत्यांगना को प्रस्तुति देने का अवसर मिल जाए तो क्या कहने! मूलत: पुणे की और अब लंदन में स्थायी रूप से बस चुकी ओडिसी नृत्यांगना प्रचिती डांगे के लिए निश्चित ही यह अवसर गर्व और सम्मान का रहा होगा।

महज़ छह महीने पहले लंदन गई प्रचिती ने लगभग दो माह पूर्व लंदन के विज्ञान संग्रहालय में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रिंस चार्ल्स के समक्ष “रोशन भारत” कार्यक्रम में प्रस्तुति दी थी। युनाइटेड किंगडम की संसद में विश्व स्वास्थ्य दिवस और प्रतिष्ठित भारतीय बिजनेस पुरस्कार के अवसर पर प्रस्तुति देना भी उनकी उपलब्धियों को बढ़ाता है।

narendra modi, pince charls, roshan bharat
प्रचिती डांगे एवं अन्य कलाकार रोशन भारत कार्यक्रम में प्रस्तुति के बाद प्रधानमंत्री मोदी तथा प्रिंस चार्ल्स के साथ

पिछले एक दशक से अधिक समय से प्रचिती पुणे में रहते हुए ओडिसी का प्रशिक्षण गुरु योगिनी गाँधी से ले रही थीं। भारत में कई स्थानों पर अपने नृत्य की प्रस्तुतियाँ देते हुए उन्होंने मंच जीता है। लय की समझ, बेहतरीन प्रस्तुति देने का कौशल और अभिव्यक्त करने की कला से वे भली-भाँति अवगत हैं। उनके भाव और मुद्राएँ विलोभनीय हैं। मंच की समझ से वे अपने मूवमेंट भी उसी तरह करती हैं कि अधिकतम स्थान का महत्तम् उपयोग हो सके… फिर चाहे वह एकल प्रस्तुति हो या समूह नृत्य वे परंपरागत और कंटम्परेरी थीम दोनों को लेकर चलती हैं।

भारत के दस प्रमुख वैश्विक ओडिसी नर्तकों में उनका नाम शुमार है। अपने आपको साबित करने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की है। नृत्य की उत्साही और भावपूर्ण शिष्या के रूप में उन्हें कई कला मनीषियों-गुरुओं का सान्निध्य मिला है, जिनमें गुरु केलूचरण महापात्रा, पंडित बिरजू महाराज, श्रीमती सुजाता महापात्रा, श्रीमती कुमकुम लाल और गुरु लिंगराज प्रधान प्रमुख हैं। नृत्य के गहन प्रशिक्षण के लिए उन्होंने कई कार्यशालाओं में भाग लिया और अब वे कई कार्यशालाएँ लेती हैं।

…और प्रचिती के और आयाम हैं- अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर, साथ ही स्पेनिश में अपना डिप्लोमा पूरा किया और जानी-मानी स्पेनिश, पुर्तगाली और फ्रेंच अनुवादक। जैसे प्रचिती के लिए आसमान और भी हैं….

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