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वर्ष 2018 के लिए संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार घोषित

संगीत नाटक अकादमी की जनरल काउंसिल की 26 जून 2019 को गुवाहाटी में हुई बैठक में प्रतिष्ठित और दुर्लभ सम्मान अकादमी की फैलोशिप (अकादमी रत्न) हेतु सर्वसम्मति से ज़ाकिर हुसैन, सोनल मानसिंह, जतिन गोस्वामी और के कल्याणसुंदरम पिल्लई का चुनाव किया।

संगीत के क्षेत्र में 44 प्रख्यात कलाकारों, मणि प्रसाद (हिंदुस्तानी गायकी), मधुप मुद्गल (हिंदुस्तानी गायकी), तरुण भट्टाचार्य (हिंदुस्तानी वाद्य – संतूर), तेजेंद्र नारायण मजुमदार (हिंदुस्तानी वाद्य – सरोद), अलामेलु मणि (कर्नाटक गायकी), मलाड़ी सूरीबाबू (कर्णाटक गायकी), एस कासिम और एस बाबू (संयुक्त पुरस्कार) – कर्नाटक वाद्य यंत्र (नागास्वरम), गणेश और कुमारेश (संयुक्त पुरस्कार) – कर्नाटक वाद्य-यंत्र (वायलिन), सुरेश वाडकर (सुगम संगीत), शांति हीरानंद (सुगम संगीत), एच असंगबी देवी (नाट्य संकीर्तन) को अकादमी पुरस्कार 2018 के लिए चुना गया है।

नृत्य के क्षेत्र में, नौ प्रतिष्ठित कलाकारों को अकादमी पुरस्कार 2018 के लिए चुना गया है। जो इस प्रकार है – भरतनाट्यम के लिए राधा श्रीधर, कथक के लिए इशिरा और मौलिक शाह (संयुक्त पुरस्कार), मणिपुरी के लिए अखमलक्ष्मी देवी, कुचिपुड़ी के लिए पसुमूर्ति रामालिंगा सास्त्री, ओडिसी के लिए सुरूप सेन, सत्त्रिया के लिए टंकेश्वर हजारिका बोरबयान, मोहिनीअट्टम के लिए गोपिका वर्मा, छाऊ के लिए तपन कुमार पट्टनायक, वहीँ भरतनाट्यम गुरु दीपक मजूमदार को समकालीन नृत्य के लिए चुना गया।

रंगमंच के क्षेत्र में, अकादमी पुरस्कार 2018 के लिए नौ प्रतिष्ठित कलाकारों का चयन किया गया है, राजीव नाइक (नाटक लेखन), लल्टुलांग्लियाना खियांगटे (नाटक लेखन), संजय उपाध्याय (निर्देशन), एस.रुनंदन (निर्देशन), सुहास जोशी (अभिनय), टेकाम जोशी (अभिनय), स्वपन नंदी (माइम), भागवत अस्संजप्पा (यक्षगान), एंपारमेश्वरन कुट्टन चक्कियार (कुटियाट्टम)।

पारंपरिक / लोक / जनजातीय संगीत / नृत्य / रंगमंच और कठपुतली के क्षेत्र में, दस कलाकारों को अकादमी पुरस्कार 2018 के लिए चुना गया है। मालिनी अवस्थी (लोक संगीत) गाजी खान बरना (लोक संगीत- खार्ताल), नरेंद्र सिंह नेगी (लोक गीत), मो. सादिक भगत, (लोक रंगमंच -भांड पाथेर), कोटा सचिदानंद शास्त्री (हरिकथा), अर्जुन सिंह ध्रुव (लोक नृत्य), सोमनाथ बट्टू (लोक संगीत),अनुपमा होसकेरे, (कठपुतली-स्ट्रिंग), तथा हेम चंद्र गोस्वामी, (मास्क मेकिंग)।

प्रखर विद्वान डॉ पुरु दाधीच, जिन्हें अकादमी सम्मान वर्षों पहले मिल जाना चाहिए था, उनके 80 वे जन्मदिन की पूर्वसंध्या पर दीवान सिंह बाजेली के साथ प्रदर्शन कला में समग्र योगदान / छात्रवृत्ति के क्षेत्र में अकादमी पुरस्कार 2018 के लिए चुना गया है।

अकादेमी फेलो सम्मान में ताम्रपत्र और अंगवस्त्रम के अलावा रु 3,00,000 और अकादेमी अवार्ड के रूप में 1,00,000 दिए जाते है। पुरस्कार राष्ट्रपती द्वारा विशेष कार्यक्रम में प्रदान किये जाएंगे।

प्रतिवर्षानुसार, इस वर्ष भी पुरस्कार विवादों में है। अकादमी पुरस्कारों में कला क्षेत्र के मठाधीशों का वर्चस्व सर्वविदित है। तथा कला क्षेत्र को इसकी चुनाव प्रक्रिया में पद्म पुरस्कारों की तरह आमूलचूल परिवर्तन की अपेक्षा है।

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