Download Our App

Follow us

Home » Featured » ख्याल गायकी प्रयोगों की खदान है : पं. संजीव अभ्यंकर

ख्याल गायकी प्रयोगों की खदान है : पं. संजीव अभ्यंकर

– संगीत में प्रयोगधर्मिता की बातें बहुत होती है परन्तु ख्याल गायकी अपने आप में प्रयोगों की खदान है की आप स्वयं उसमें कई प्रकार के हिरे-मोती निकाल सकते है।  संगीत में प्रयोगधर्मिता की बातें बहुत होती है परन्तु ख्याल गायकी अपने आप में प्रयोगों की खदान है कि आप स्वयं उसमें कई प्रकार के हीरे-मोती निकाल सकते है।  क्योंकि आप स्वयं ही अपनी प्रस्तुति के निर्देशक होते है और आपके राग की शुरुआत कैसी और किस प्रकार की होगी यह आप तय करते है।  और हर बार अलग तरह से करते है। जब ख्याल गायकी में ही प्रयोग करने के लिए इतना सबकुछ है तब केवल प्रयोग करने के लिए कुछ करना ठीक नहीं । यह बात ख्यात ख्याल गायक पं. संजीव अभ्यंकर ने क्लासिकल क्लेप्स से बातचीत में बताई।

आपने बताया कि भारतीय शास्त्रीय संगीत की बारिकियों और अनुठेपन की बात ही कुछ ओर है क्योंकि यह प्रस्तुति के दौरान कलाकार को भी अचंभित कर देती है। कई बार मैं जब अपने शिष्यों को सिखाता हूँ तो एकाध तान ऐसी निकल जाती है जो बाद में प्रयास करने पर भी नहीं निकलती।

दर्शकों के साथ सीमित संवाद होना जरुरी

पंडित अभ्यंकर के अनुसार दर्शकों और कलाकार के साथ संवाद होना जरुरी है परंतु संवाद बहुत ज्यादा नहीं होना चाहिए क्योंकि फिर दर्शक ही बोल पड़ेंगे की हम गाना सुनने के लिए आए है आपकी बातचीत सुनने के लिए नहीं। यह बात सही है कि दर्शकों को जानकारी देना चाहिए पर वह भी सीमित मात्रा में।

आपके गायन में कितनी ताकत है वैसी आप प्रस्तुति देंगे

महफिलों के बदलते स्वरुप के बारे में आपने बताया कि महफिलों में एक राग के बाद भजन फिर ठुमरी आदि की प्रस्तुति देना ठीक है परंतु यह कलाकार की तैयारी पर निर्भर करता है कि वह ख्याल गायकी को कितने आत्मविश्वास के साथ प्रस्तुति दे सकता है। अगर उसके गायन में ताकत है और अगर वह दर्शको को प्रभावित कर सकता है तब निश्चित रुप से वह संपूर्ण कार्यक्रम ख्याल गायकी का ही देगा।

फिल्म गायन की बात अलग

संजीव जी के अनुसार फिल्म गायकी और ख्याल गायकी की बिल्कुल भी तुलना नहीं करना चाहिए क्योंकि फिल्म गायन वैसा है जैसे माईकल शुमाकर फेरारी की सवारी कर रहे हो क्योंकि फरारी बनाई किसी ओर ने है और शुमाकर केवल चलाने की तकनीक जानते है जबकि ख्याल गायकी में सबकुछ कलाकार को ही करना होता है।

Leave a Comment

7k network
Breath and Rahiman

Interesting And Unique Dance Productions

Two unusual and unique dance productions “Breath” and “Rahiman” were presented at the Prabodhankar Thackeray auditorium last week by talented

error: Content is protected !!