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भारत के पहले संगीतकार जो चमकेंगे आसमान पर…

सूरज-चाँद और ग्रह-नक्षत्र ऐसे होते है जो हमारे न रहने के बाद भी अंतरिक्ष में रहेंगे और अपनी आभा से दीप्त करते रहेंगे। यह सभी जानते हैं, इसमें नया क्या है? नया यह है कि यदि कोई पहले से ही अजर-अमर हो और उसके नाम पर किसी ग्रह को नाम दे दिया जाए तो वह अक्षुण्ण अमर हो जाएगा न.. मंगल और बृहस्पति के बीच स्थित एक छोटे से ग्रह का नाम ‘पंडित जसराज’ रखा गया है। यह सम्मान पाने वाले पंडित जसराज भारत के पहले संगीतकार हैं और दुनिया भर में चौथे संगीतकार हैं, जिनके नाम पर अंतरिक्ष में ग्रहों के नाम रखे गए हैं। उनसे पहले अब तक मोजार्ट, बीथोवेन और टेनर लुसियानो पावारोत्ति के नाम पर ग्रहों के नामकरण किया गया है। अब भारतीय गायक का नाम भी इसमें जुड़ गया है।

PC: Facebook/ptjasrajji

कितनी अजीब बात है जहाँ इस सम्मान पर अधिकांश गायकों ने मौन साधा तो कइयों ने इसमें भी राजनीति देखी.. जबकि भारतीय राजनीति और प्रादेशिक चुनावों से भला नासा का क्या संबंध हो सकता है? लेकिन अच्छी बात यह भी है कि आज जैसे ही यह खबर फैली वैसे ही ‘रसराज’ कहे जाने वाले संगीत मार्तण्ड पं. जसराज के चाहने वालों के मुख से बरबस उनके ही इस भजन के बोल भी निकले कि “रानी तेरो चिरजियो गोपाल”

नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के खगोलविद और इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन (आईएयू) के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने 13 साल पहले खोजे एक ग्रह का नाम शास्त्रीय गायक पंडित जसराज के नाम पर रखा है। नासा और आईएयू ने 23 सितंबर को नामकरण की घोषणा की। पंडित जसराज की बेटी दुर्गा जसराज ने बताया कि पंडित जसराज ग्रह मंगल और बृहस्पति के बीच स्थित है। आईएयू ने 23 सितंबर 2019 को घोषणा की और प्रतीक चिह्न मुंबई स्थित उनके आवास पर पहुँचाया। इसमें कहा गया है ”संगीत मार्तण्ड पंडित जसराज भारतीय शास्त्रीय गायन के पुरोधा हैं। संगीत को अपना जीवन समर्पित करने वाले जसराज को कई सम्मान मिले हैं।”

ज्ञातव्य है कि पंडित जसराज पद्म विभूषण, पद्म भूषण, पद्मश्री, संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार आदि पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं।

PC: Facebook/ptjasrajji

यह छोटा ग्रह (माइनर प्लैनेट) 2006 वीपी 32 (नंबर-300128) है, इसकी खोज 11 नवंबर 2006 को हुई थी। यह मंगल और बृहस्पति की कक्षाओं के बीच भ्रमण करता है। माइनर प्लेनेट न तो ग्रह होते हैं और न ही इन्हें पूरी तरह धूमकेतु कहा जा सकता है। क्या ही संयोग है कि इस ग्रह का अंक मेवाती घराने के शलाका पुरुष पंडित जसराज की जन्मतिथि का हूबहू उलटा है। महान् गुरु पंडित जसराज का जन्म 28 जनवरी 1930 या कि 280130 है और ग्रह का नंबर है  300128।

पिछले आठ दशक से संगीत साधना में जुटे पद्म विभूषण पंडित जसराज मेवाती घराने के सशक्त स्तंभ हैं। 28 जनवरी 1930 को जन्मे पंडित जसराज अब भी पूरी उर्जा के साथ संगीत के क्षेत्र में सक्रिय हैं। वर्तमान में वे अमेरिका में हैं।  पंडित जसराज ने इस सम्मान के बारे में कहा, मुझे तो ईश्वर की असीम कृपा दिखती है। सूर्य की प्रदक्षिणा कर रहा है यह ग्रह। यह भारत और भारतीय संगीत के लिए भगवान का आशीर्वाद है।

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