भारत सरकार की स्वायत्त संस्था एवं संगीत, नृत्य एवं नाटक के राष्ट्रीय संस्थान “संगीत नाटक अकादमी”, गुरु नानकदेव विश्वविद्यालय- अमृतसर एवं पंजाब संगीत नाटक अकादमी द्वारा “श्रेष्ठ भारत संस्कृति समागम” का आयोजन पंजाब के अमृतसर में कल से प्रारम्भ होगा।
दिनांक 23 नवम्बर तक चलने वाले इस पांच दिवसीय आयोजन में तक प्रतिदिन विभिन्न विषयों पर संगोष्ठी एवं साथ ही कला प्रस्तुतियां भी होंगी।
सोमवार दिनांक 19 नवम्बर को नृत्य पर पर आयोजित संगोष्ठी में राजश्री शिर्के, नर्तकी नटराज, श्रुति बंदोपाध्याय, घनाकान्त बोरा, उमा डोगरा, सुचित्रा मित्र एवं कमलिनी अस्थाना अपने विचार व्यक्त करेंगे।
वहीँ बुधवार, 21 नवम्बर को संगीत विषयों पर फ़ैयाज़ वसीफ़ुद्दीन डागर , नयन घोष, बाबुल दास, सुकन्या रामगोपाल, कलापिनी कोमकली, इकबाल अहमद खान एवं विजय किचलू संगोष्ठी में हिस्सा लेंगे। दिनांक 20 नवम्बर को लोक एवं जनजातीय कला, 22 नवम्बर को नाटक तथा अंतिम दिन 23 नवम्बर को पुतुल कला एवं अन्य परम्परा/ सम्बद्ध कला पर संगोष्ठी होगी।
संगोष्ठीयां प्रतिदिन प्रात: 10.30 से स्थानीय गुरु नानकदेव विश्वविद्यालय के श्री गुरु ग्रन्थ साहिब भवन (सेमीनार हॉल) में होंगी।
“श्रेष्ठ भारत संस्कृति समागम” के ही अंतर्गत देश के नामी कलाकार अपनी कला प्रस्तुतियां भी देंगे। जिसमें दिनांक 19 नवम्बर को पश्चिम बंगाल से कलावती देवी (मणिपुरी नृत्य), दिल्ली से उमा शर्मा (कत्थक) तथा नवतेज सिंह जोहर (समसामयिक नृत्य) तथा 20 नवम्बर को पंडित शिवकुमार शर्मा (संतूर), उमायलपुरम के. सीवरमन (मृदंगम) तथा पं राजन मिश्रा- साजन मिश्रा का हिन्दुस्तानी गायन सम्मिलित है।
समागम के अन्य दिनों में 21 नवम्बर को लोक एवं जनजातीय कलाकारों की, २२ नवम्बर को नाटक तथा 23 नवम्बर को पुतुल कला एवं अन्य परम्परा/ सम्बद्ध कला प्रस्तुतियां होगी।
कला प्रस्तुतियां प्रतिदिन सायं 6 बजे इंडियन अकेडमी ऑफ़ फाइन आर्ट्स की आर्ट गैलेरी में होंगी।
कार्यक्रमों का सीधा प्रसारण http://sangeetnatak.gov.in/sna/webcast.php पर देखा जा सकेगा।